फाल्गुन मास में प्रकृति में होता है उत्साह का संचार, श्रीकृष्ण की उपासना भी की जाती है

हिन्दू कैलेंडर के अनुसार 10 फरवरी से नया माह फाल्गुन शुरू हो गया है। ये हिंदू पंचाग का आखिरी महीना है इसके बाद हिंदू नववर्ष शुरू होता है। फाल्गुन माह की पूर्णिमा को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में होने के कारण इसका नाम फाल्गुन है। इस माह को उल्लास का माह कहा जाता है। इस महीने प्रकृति में हर ओर उत्साह का संचार होता है। इस माह में कई महत्वपूर्ण त्योहार आते हैं। 



  • फाल्गुन में ही चन्द्रमा का जन्म हुआ, अतः इस माह चंद्रमा की भी उपासना की जाती है। फाल्गुन माह में भगवान श्री कृष्ण की उपासना विशेष फलदायी है। इस माह से खानपान और जीवनचर्या में बदलाव करना चाहिए। इस माह में भोजन में अनाज का प्रयोग कम से कम करना चाहिए और फलों का सेवन करना चाहिए।


फाल्गुन मास में करना चाहिए ये काम


1. आयुर्वेद और अध्यात्म में इस महीने में ठंडे जल से स्नान करना चाहिए। गर्म पानी से नहीं नहाना चाहिए। क्योंकि, मौसम में परिवर्तन के कारण शरीर में गर्म पानी से नहाने के कारण कुछ कमजोरी या संक्रमण की आशंका होती है।


2. नियमित रुप से भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए और उन्हें सुगंधित फूल चढ़ाने चाहिए।


3. हल्के कपड़े पहनने चाहिए। संतुलित श्रंगार करना चाहिए।


4. सोते समय ज्यादा गरम कंबल आदि नहीं ओढ़ने चाहिए।


5. तनाव से मुक्त रहने के लिए इस महीने में ध्यान आदि करना चाहिए।Image result for fagun mas