शनि ग्रह के मकर राशि में प्रवेश करने के बाद अब डिग्री में बदलाव होने के साथ देश के लिए शुभ और अशुभ दोनों तरह के संकेत दिखाई देने लगेंगे। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्रा के अनुसार शनि ग्रह की स्थिति में बदलाव होना देश के लिए शुभ होगा, लेकिन शत्रु ग्रह के साथ होने से राष्ट्रीय राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप बढ़ेगा। जनता को राष्ट्रहित के कठोर नियमों के कारण परेशानी हो सकती है। देश में असंतोष का माहौल रहेगा।
- आधुनिक ज्योतिषियों के अनुसार शनि जनवरी माह में मकर राशि में प्रवेश कर चुका है वहीं परंपरागत ज्योतिष के आचार्यों का कहना है कि फरवरी में शनि ने मकर राशि में प्रवेश किया है। ये ग्रह शुरुआत में शून्य डिग्री पर था और डिग्री में बदलाव होने के साथ ही इसका प्रभाव जल्दी ही देखने को मिलेगा।
बृहस्पति के मकर में प्रवेश से लंबित कानूनी मामलों पर आएगा फैसला
ज्योतिषाचार्य पं मिश्रा ने बताया कि 31 मार्च को बृहस्पति भी मकर राशि में प्रवेश करेगा। जिसका प्रभाव भी देखने को मिलेगा। उन्होने कहा कि, काफी लंबे समय से जो कानूनी मामले लंबित पड़े थे उनके फैसले होने की संभावना बनेगी। तीन बड़े ग्रह मकर राशि में रहेंगे। मंगल उच्चराशि में, शनि स्वराशि और बृहस्पति नीच में होकर मकर में रहेंगे, लेकिन बृहस्पति के कारण नीच भंग राज योग भी बनेगा। ऐसे में अदालत के फैसले लीक से अलग हटकर होंगे।
मकर राशि में रहेंगे तीन ग्रह, 3 राशियों के लिए अशुभ
इस परिवर्तन का सभी राशियों पर शुभ-अशुभ और मिलाजुला असर रहेगा। सबसे अधिक फायदा इससे मिथुन, कन्या और कुंभ राशि वालों को मिलेगा। वही मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन राशि वालों के लिए यह मिश्रित फल देने वाला रहेगा। वृषभ, तुला और मकर राशि वालों के लिए यह अशुभ रहेगा।